Mirza Ghalib (TV)
August 07, 2019
दिल ही तो है - Dil Hi To Hai (Jagjit Singh, Chitra Singh, Mirza Ghalib)
Movie/Album: मिर्ज़ा ग़ालिब (टी वी सीरियल) (1988)
Music By: , जगजीत सिंह
Lyrics By: मिर्ज़ा ग़ालिब
Performed By: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह
दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त
दर्द से भर न आए क्यूँ
रोएँगे हम हज़ार बार
कोई हमें सताए क्यूँ
दिल ही तो है...
दैर नहीं, हरम नहीं, दर नहीं, आस्ताँ नहीं
बैठे हैं रहगुज़र पे हम, ग़ैर हमें उठाए क्यूँ
दिल ही तो है...
हाँ वो नहीं खुदा-परस्त, जाओ वो बेवफ़ा सही
जिस को हो दीन-ओ-दिल अज़ीज़, उसकी गली में जाए क्यूँ
दिल ही तो है...
क़ैद-ए-हयात-ओ-बन्द-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं
मौत से पहले आदमी ग़म से निजात पाए क्यूँ
दिल ही तो है...
'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं
रोइए ज़ार-ज़ार क्या, कीजिए हाय-हाय क्यूँ
दिल ही तो है...
Music By: , जगजीत सिंह
Lyrics By: मिर्ज़ा ग़ालिब
Performed By: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह
दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त
दर्द से भर न आए क्यूँ
रोएँगे हम हज़ार बार
कोई हमें सताए क्यूँ
दिल ही तो है...
दैर नहीं, हरम नहीं, दर नहीं, आस्ताँ नहीं
बैठे हैं रहगुज़र पे हम, ग़ैर हमें उठाए क्यूँ
दिल ही तो है...
हाँ वो नहीं खुदा-परस्त, जाओ वो बेवफ़ा सही
जिस को हो दीन-ओ-दिल अज़ीज़, उसकी गली में जाए क्यूँ
दिल ही तो है...
क़ैद-ए-हयात-ओ-बन्द-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं
मौत से पहले आदमी ग़म से निजात पाए क्यूँ
दिल ही तो है...
'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं
रोइए ज़ार-ज़ार क्या, कीजिए हाय-हाय क्यूँ
दिल ही तो है...