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Tuesday, September 10, 2019

September 10, 2019

नींद से आँख खुली है - Neend Se Aankh Khuli Hai (Chitra Singh, Beyond Time)

Movie/Album: बियॉन्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: शाहिद कबीर
Performed By: चित्रा सिंह

नींद से आँख खुली है, अभी देखा क्या है
देख लेना, अभी कुछ देर में, दुनिया क्या है
नींद से आँख खुली...

बाँध रखा है किसी सोच ने घर से हमको
वरना अपना दर-ओ-दीवार से रिश्ता क्या है
नींद से आँख खुली...

रेत की, ईंट की, पत्थर की हो, या मिट्टी की
किसी दीवार के साये का भरोसा क्या है
नींद से आँख खुली...

अपनी दानिस्त में समझे कोई दुनिया ‘शाहिद’
वरना हाथों में लकीरों के अलावा क्या है
नींद से आँख खुली...

Sunday, September 8, 2019

September 08, 2019

झूठी सच्ची आस पे - Jhoothi Sachchi Aas Pe (Chitra Singh, Jagjit Singh, Beyond Time)

Movie/Album: बियॉन्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: काशिफ़ इन्दोरी
Performed By: चित्रा सिंह, जगजीत सिंह

झूठी-सच्ची आस पे जीना
कब तक आख़िर, आख़िर कब तक
मय की जगह ख़ून-ए-दिल पीना
कब तक आख़िर, आख़िर कब तक
झूठी-सच्ची आस पे जीना...

सोचा है, अब पार उतरेंगे
या टकरा कर डूब मरेंगे
तूफ़ानों की ज़द पे सफ़ीना
कब तक आख़िर, आख़िर कब तक
झूठी-सच्ची आस पे जीना...

एक महीने के वादे पर
साल गुज़ारा, फिर भी ना आए
वादे का ये एक महीना
कब तक आख़िर, आख़िर कब तक
झूठी-सच्ची आस पे जीना...

सामने दुनिया भर के ग़म हैं
और इधर इक तन्हा हम हैं
सैकड़ों पत्थर, इक आईना
कब तक आख़िर, आख़िर कब तक
झूठी-सच्ची आस पे जीना...

Tuesday, September 3, 2019

September 03, 2019

मेरा दिल भी शौक़ से - Mera Dil Bhi Shauq Se (Chitra Singh, Beyond Time)

Movie/Album: बियॉन्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: मुराद लखनवी
Performed By: चित्रा सिंह

मेरा दिल भी शौक़ से तोड़ो
एक तजुर्बा और सही
लाख खिलौने तोड़ चुके हो
एक खिलौना और सही
मेरा दिल भी शौक़...

रात है ग़म की, आज बुझा दो
जलता हुआ हर एक चराग
दिल में अंधेरा हो ही चुका है
घर में अंधेरा और सही
मेरा दिल भी

दम है निकलता इक आशिक़ का
भीड़ है, आ कर देख तो लो
लाख तमाशे देखे होंगे
एक नज़ारा और सही
मेरा दिल भी

खंजर ले कर सोचते क्या हो
क़त्ल-ए-'मुराद' भी कर डालो
दाग हैं सौ दामन पे तुम्हारे
एक इज़ाफ़ा और सही
मेरा दिल भी...
September 03, 2019

ये करें और वो करें - Ye Karen Aur Wo Karen (Jagjit Singh, Chitra Singh, Beyond Time)

Movie/Album: बियॉन्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: नज़ीर बनारसी
Performed By: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह

ये करें और वो करें
ऐसा करें वैसा करें
ज़िन्दगी दो दिन की है
दो दिन में हम क्या-क्या करें
ये करें और वो करें...

जी में आता है कि दें परदे से परदे का जवाब
हमसे वो पर्दा करें, दुनिया से हम पर्दा करें
ये करें और वो करें...

सुन रहा हूँ कुछ लुटेरे आ गए हैं शहर में
आप जल्दी बंद अपने घर का दरवाज़ा करें
ये करें और वो करें...

इस पुरानी बेवफ़ा दुनिया का रोना कब तलक
आइए, मिल-जुल के इक दुनिया नई पैदा करें
ये करें और वो करें...

Saturday, August 24, 2019

August 24, 2019

सामने है जो उसे - Saamne Hai Jo Use (Jagjit Singh, Beyond Time)

Movie/Album: बियॉण्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर
Performed By: जगजीत सिंह

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं उसको ख़ुदा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं...

ज़िन्दगी को भी सिला कहते हैं कहने वाले
जीने वाले तो गुनाहों की सज़ा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं...

फ़ासले उम्र के कुछ और बढ़ा देती है
जाने क्यूँ लोग उसे फिर भी दवा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं...

चंद मासूम से पत्तों का लहू है 'फ़ाकिर'
जिसको महबूब के हाथों की हिना कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं...

Wednesday, August 7, 2019

August 07, 2019

लोग हर मोड़ पे - Log Har Mod Pe (Jagjit Singh, Beyond Time)

Movie/Album: बियॉण्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: राहत इंदौरी
Performed By: जगजीत सिंह

लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...

मैं न जुगनू हूँ, दीया हूँ न कोई तारा हूँ
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...

नींद से मेरा त'आल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख़्वाब आ-आ के मेरी छत पे टहलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...

मोड़ होता है जवानी का, सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...